मोहा उन्होंने मुझे
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होते हैं पुरुष अच्छे , पुरुष धर्म निभाया करते हैं
गृहस्थी कर्तव्य के भार ,कंधों पर लिया चलते हैं
धन्य मैं पति मिले ऐसे ,मेरे लिए आदर रखते हैं
सारे दुःख दूर रहे मुझसे ऐसे यत्न किया करते हैं
मोहा उन्होंने मुझे ,साथ बना रहे कामना रख रहीं हूँ
करवा चौथ व्रत रखके ,उनमें श्रध्दा प्रकट कर रही हूँ
छिछोरे भी पुरुष होते , दायित्व न निभाया करते हैं
ये पुरुष ,छिछोरापन नारी मन में भर दिया करते हैं
करवा चौथ का उपहास उड़ाने ,ये माहौल बनाते हैं
नहीं रखे व्रत कोई ,निष्प्रभावित मैं व्रत रख रही हूँ
कहते बार बार जन्म होता ,हर बार मिलें ये ही मुझे
प्रार्थना ,कामना मन लिए ,फिर उपवास कर रही हूँ
--राजेश जैन
30-10-2015
https://www.facebook.com/narichetnasamman
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