पति पत्नी परस्पर उपहास ,क्या सिर्फ मजाक है ?
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कैसा बदलाव आज यह भारत में दिमाग पर छाया
मान पे आती पहले ,जब किसी ने पत्नी को उठाया
आज रावण को जलाते जलाने वाले ,कहकर कि तूने
सीता मैया की जगह मेरी पत्नी को क्यों नहीं उठाया
यही चला आधुनिकता के नाम पर कुछ समय तो
होंगे परिवार खत्म ,बिना सुखद समाज व्यवस्था के
क्या कल्पना है इसकी ,क्या भान अपने दायित्वों के
बनाया ज्ञानियों ने ,तुम मिटाते व्यभिचार राह चल के
सोचें हम , मिटे अगर पति पत्नी के रिश्ते तो
सिर्फ नर मादा ही जाने जाएंगे आगे जन्मने वाले
--राजेश जैन
27-10-2015
https://www.facebook.com/narichetnasamman
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कैसा बदलाव आज यह भारत में दिमाग पर छाया
मान पे आती पहले ,जब किसी ने पत्नी को उठाया
आज रावण को जलाते जलाने वाले ,कहकर कि तूने
सीता मैया की जगह मेरी पत्नी को क्यों नहीं उठाया
यही चला आधुनिकता के नाम पर कुछ समय तो
होंगे परिवार खत्म ,बिना सुखद समाज व्यवस्था के
क्या कल्पना है इसकी ,क्या भान अपने दायित्वों के
बनाया ज्ञानियों ने ,तुम मिटाते व्यभिचार राह चल के
सोचें हम , मिटे अगर पति पत्नी के रिश्ते तो
सिर्फ नर मादा ही जाने जाएंगे आगे जन्मने वाले
--राजेश जैन
27-10-2015
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