करवा चौथ व्रत
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उपलब्ध में किया श्रृंगार अधिकतम
दिन में ग्रहण भी न किया न्यूनतम
चन्द्रमा साथ पति मुख निहारा और
कामना की सुहाग आयु रहे दीर्घतम
आँखों से देख पत्नी मुख पर आभा
सुन जीवनसंगिनी की मधुर प्रार्थना
आदर ,प्रेम लेना चाहिए ह्रदय हिलोरें
स्पर्श से अनुभव हो समर्पिता याचना
प्राचीनकाल से निभा रही व्रत रख कर
पति इसे पत्नी धर्म मान के भूल गया
त्याग ,कठिन व्रतों से साथ की आशा
पुरुष अहं में चूर उदासीन हो भूल गया
--राजेश जैन
28-10-2015
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