Tuesday, March 31, 2015

April fool

April fool
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केमिस्ट्री में गैस , जल , कंपाउंड्स , एसिड , अल्कली आदि के बीच केमिकल प्रोसेस से बनने वाले प्रोडक्ट्स , बाईप्रोडक्ट्स को दिखाते केमिकल इक्वेशन लिखे जाते हैं। उसी तर्ज पर ,अभी उभर रहे सामाजिक दृश्य का एक इक्वेशन लिखा जाए तो कुछ इस प्रकार बनता है -
(विज्ञान+तकनीकी) प्रगति + संस्कृति = मैनर्स+सुविधा+अन्धविश्वास_उन्मूलन +अपसंस्कृति+आडंबर+नारी_शोषण+भ्रष्टाचार+व्यभिचार
#मैनर्स,#सुविधा और #अन्धविश्वास_उन्मूलन इस प्रोसेस के वाँछित(डिजायर्ड) प्रोडक्ट्स हैं। जबकि #अपसंस्कृति,#आडंबर,#नारी_शोषण, #भ्रष्टाचार,#व्यभिचार जो समाज में आधुनिकता के साथ बढ़ रही है , अनडिजायर्ड (अवाँछित) बाईप्रोडक्ट्स हैं।
मनुष्य को उन्नत मस्तिष्क का वरदान प्राप्त है। चल रही आधुनिक प्रोसेस में जब इतने अधिक अनडिजायर्ड बाईप्रोडक्ट्स उत्पन्न हो रहे हैं तो इसका प्रयोग कर हमें प्रोसेस में एक और प्राकृतिक यौगिक (कंपाउंड) को प्रोसेस में डालना चाहिए। जिससे की उपयोगी प्रोडक्ट्स बढ़ाये जा सकें , और अनडिजायर्ड का उत्पादन कम किया जा सके। एक इक्वेशन अगर इस तरह से फॉलो किया जाये तो इस जनरेशन का एक अच्छा परिचय इतिहास में दर्ज किया जा सकता है।  इस इक्वेशन की कल्पना कुछ इस तरह की बनती है -
(विज्ञान+तकनीकी) प्रगति + संस्कृति _आत्मनियंत्रण = मैनर्स+सुविधा+अन्धविश्वास_उन्मूलन+स्वास्थ्य+सहयोग+परस्पर_विश्वास+सर्वखुशहाली
विद्व राय क्या है ?
--राजेश जैन
01-04-2015
https://www.facebook.com/narichetnasamman

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