Wednesday, March 4, 2015

जीलें ऐसी है ज़िंदगी


जीलें ऐसी है ज़िंदगी
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कभी फ़िक्र होती है
दिखें छोटे उम्र से दस बीस साल
कभी फ़िक्र होती है
और जियें उम्र में दस बीस साल

ऐसी है ज़िंदगी तो
जीलें मानवता के दस बीस साल
इतनी है ज़िंदगी तो
हँसले-हँसाले सब दस बीस साल

मनुष्य ही है
नारी पक्ष समझें दस बीस साल
सम्मान को जूझती
करें उसके उपाय दस बीस साल

नारी सुरक्षित जिसमें
बनायें वह समाज दस बीस साल
नारी सम्मान में
निकलें शब्द मुँहसे दस बीस साल 

शोषित रही अब तक
दशा सुधारें उसकी दस बीस साल
जननी हमारी हैं नारी 
हँसले-हँसाले वे भी दस बीस साल

-- राजेश जैन
04-03-2015




 

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