Monday, March 30, 2015

किसने ?

किसने ?
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शांत चित्त से कोई व्यक्ति विचार करे - किसने ?

"सबसे ज्यादा सहन किया ?
जन्म हुआ तब माँ ने
बचपन में बहन माँ ने
बड़े हुए विवाह हुआ
तब पत्नी और माँ ने
सबसे ज्यादा सहन किया "

और आगे भी अधेड़ हुआ फिर  बूढ़ा हुआ ,रोगी हुआ तो

"सबसे ज्यादा सहन किया ?
माँ रही तो माँ ने
पत्नी और बेटी ने
पत्नी ने तो किया ही
बेटे से ज्यादा बहू ने
सबसे ज्यादा सहन किया"

जी हाँ ,पूरे जीवन का यही निष्कर्ष निकलेगा। माँ , बहन , पत्नी , बेटी ,बहू ये नारी के रूप होते हैं। सबसे ज्यादा सहनशीलता से संसार में नारी ही हर किसी को निभाती है। और हर नारी इन्हीं में से किन्हीं रूप में हममें (पुरुष) से किसी से आबध्द होती है। पुरुष को नारी की उत्कृष्ट सहनशीलता और साथ निभाने के लिए नारी के प्रति कृतज्ञ होना चाहिये। उनका सम्मान करना चाहिए , उन्हें सुरक्षा देनी चाहिए। और मनुष्य ही होने से अपने समकक्ष और समतुल्य ही उसे हृदय और व्यवहार में रखनी चाहिए। उनसे ,धोखा और छल स्वयं न करते हुये, कहीं यह होता दिखे तो अपने सामर्थ्य अनुसार उसका प्रतिरोध कर उससे बचाने का प्रयास करना चाहिए।
" किसी कृतज्ञ व्यक्ति का यही कर्तव्य होता है"।
--राजेश जैन
31-03-2015
https://www.facebook.com/narichetnasamman

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