Friday, November 30, 2018

#बनो_ऐसे
फ़िक्र नहीं कोई - दुनिया को मालूम रहे ना रहे
वक़्त को मालूम रहे कि - इंसान कोई अच्छा था

#नज़रिया
तुम्हें अपने मतलब के नज़रिये से देखेगी दुनिया
तुम देखो कि वक़्त किस नज़रिये से जानेगा तुम्हें

#औरों_को_जगह_देना
सब चल रहे जिस राह पर - भीड़ बहुत है
मुझे पसंद इसलिए - कि थोड़ा हट के चलूँ

शुक्र कि
इंसानियत का इल्म कराया मज़हब ने मेरे
वरना
देर नहीं करता अपना मज़हब बदल लेता मैं



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