Saturday, November 10, 2018

'जान से ज्यादा चाहते हैं' - निबाहने की तुम हक़ीक़त पता करना
फिर तुम कह ना पाओगे - तुम्हारे लिए चाँद सितारे ला सकता हूँ

कहते थे ख़्याल ओ ख़्वाब में मेरा होना पसंद है तुम्हें
हम ख़्वाब से हक़ीक़त हुए अब तो तुम बदहाल क्यूँ हो

सीना ताने वो चल रहे हैं - जिनमें नफ़रत भरी हुई है
लिहाज़ , अदब में झुके हैं हम - सीने में मोहब्बत रखते हैं

वक़्त की बेरहमी नहीं कहेंगे कि - हम जुदा हो गए
शुक्रगुज़ार हैं वक़्त के - ज़िंदगी में मिलाया था हमें

होश सम्हाला और ज़िंदगी में मोहब्बत बनी पसंदगी
इक ख़्वाहिश पैदा हुई दिल में कि मोहब्बत से सब रहें

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