अपनी मोहब्बत में वह मुक़ाम हमने पाया है
आपकी हर भूल को नज़रअंदाज हमें करना आया है
काश! आबशार मोहब्बत के हम हर जगह बना सकते
नहाते सब जिसमें और नफ़रत दिल से मिटा सकते
आबशार - झरना
शिकायतें, अज़ीयतें तुम पर करें कैसे कि- हम तुमसे प्यार करते हैं
मजबूरियाँ, परेशानियाँ तुम्हारी समझें कि- हम तुमसे प्यार करते हैं
अज़ीयत - अत्याचार
आपकी हर भूल को नज़रअंदाज हमें करना आया है
काश! आबशार मोहब्बत के हम हर जगह बना सकते
नहाते सब जिसमें और नफ़रत दिल से मिटा सकते
आबशार - झरना
शिकायतें, अज़ीयतें तुम पर करें कैसे कि- हम तुमसे प्यार करते हैं
मजबूरियाँ, परेशानियाँ तुम्हारी समझें कि- हम तुमसे प्यार करते हैं
अज़ीयत - अत्याचार
No comments:
Post a Comment