Tuesday, November 27, 2018

काश
कुछ वक़्त तुम , मैं - और मैं , तुम बन जायें
तो
हम दोनों - आपसी अपेक्षाओं को समझ पायें

बहुत मिला होता है-
बहुत मिल नहीं पाता है
मिले में जीवन होता है -
न मिला, सपना रह जाता है

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