Thursday, November 22, 2018

#बेकार_है_किसी_को_परेशान_करना
छोटी इक जान वह - उससे शिकवा-शिकायत क्यूँ हो
अपनी आरज़ूओं का बोझ - उस पर रखना ठीक नहीं

#आईना_है_हम_ही_झलकते_हैं
मुल्क़ न तेरा न मेरा - हम क्यूँ इसे बदनाम करें
हम से है मुल्क़ का चेहरा - हम ही इसे ठीक करें

#सोचना
जब अपने हित नहीं देखते - चट झगड़ने खड़े हो जाते हैं हम
देश में सब रहते हैं सर्वहित किस बात में - सोचा कभी हमने

#इंसान_का_मिलना
आज इंसान कोई मिलता नहीं - ये शिकायत नहीं कर
इंसान तू खुद हो के दिखा - इंसान तुझे मिलने लगेंगे

#खुदा_का_बंदा
बुरा देख तू खुद बुरा होने का बहाना न तलाश
खुदा ने भेजा तुझे - नेक जिंदंगी जीने के लिए

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