Thursday, November 1, 2018

किसी की औलाद , किसी के भाई - किसी के शौहर , किसी के बाप
ऊपर एक इंसान तुम - दायरे में रहने के लिए , क्या इतना काफी नहीं?

कतरा कतरा करके समंदर हो जाये - मगर कतरे को नाज़ करने की जरूरत क्या - जैसे अनेकों हैं

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