Thursday, November 22, 2018

मर जाऊँ तो - तुम अफ़सोस करना नहीं
कि अब एक नेक ज़िंदगी - जी ली है मैंने

#राजेश
एक कंधे पर ज़िंदगी दूजे पर मौत लिए कब से चल रहा ,
'राजेश'
शुक्र मगर रूह पर ना ज़िंदगी , ना ही मौत कोई बोझ है

#गर्व
हमारे होने पर - गर्व करने वाली कोई बात नहीं
देखो ना - कितनी नफरत कितना ख़ूनख़राबा है हमारे होते हुए

#पहचानना
खुद को तो अभी तक - पहचाना नहीं हमने
झूठ है ग़र कहें - तुम्हें पहचान लिया हमने

#लम्हा
शुक्र ए ज़िंदगी - हमें बेहिसाब लम्हें दिए तुमने
मौत को हँस के मगर - आखिरी लम्हा हम देगें

दिल में उसके मोहब्बत है हमारे लिए - सुकून यह हमको है
कि
मर भी गये अगर हम तो क्या - दिल से याद तो करेगा वह

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