Wednesday, December 23, 2015

ज्योति सिंह (निर्भया)

नारी चेतना और सम्मान रक्षा
ज्योति सिंह (निर्भया)
-------------------------
ज्योति तुम अत्याचार से असमय बुझ गईं
 भारत की सँस्कृति में निर्भया बन जुड़ गईं
 नारी संघर्ष राह में ये बलिदान न व्यर्थ होगा
 नारी चेतना के लिए ज्योत तुम जगा गईं
कैसी है विडंबना तुम ,तुम्हारे अपराधी को
अवयस्क अतः सख्त सजा नहीं दिला गईं
पर अपराध घटे नारी पर ,मरणोपरांत तुम
किशोर कानून बदले  जाने का श्रेय पा गईं
जी जीकर जो कार्य करना हो रहा था दुष्कर
अत्याचार पीड़ा झेल मर के तुम वह कर गईं
तुम्हें खोया माँ ने ,उनके नेत्र भरे अश्रुओं से 
पर राष्ट्र की युवतियों का सम्मान जगा गईं
--राजेश जैन
23-12-2015
https://www.facebook.com/narichetnasamman

No comments:

Post a Comment