Wednesday, December 23, 2015

एसिड अटैक (लघुकथा) Acid attack

एसिड अटैक  (लघुकथा)
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किशोर , अपने ऊपर लगे आत्महत्या के प्रयास के आरोप की सुनवाई में  न्यायालय के समक्ष ,अपना पक्ष रखते हुए कह रहा था।  जज साहब , उस रात मैं एक भयानक सपना देख रहा था , जिसमें मैंने एक लड़की जो मेरा प्रेम आग्रह ठुकरा गई थी के मुख पर एसिड फेंक दिया था। मेरे इस कृत्य पर उसके घर वाले इतने कुपित हुये कि उन्होंने बदला लेने के लिए मेरे ऊपर भी एसिड डाल दिया। जज साहब , इस अटैक के बाद मेरा जला हुआ कुरूप चेहरा , आईने में देख मैं सपने में इतना निराश हुआ कि नींद में ही चल कर मैं ,कुयें में कूद गया था ।
जज , आरोपी की सफाई बड़े अचरज के भाव से सुन रहे थे , एक पॉज , के बाद किशोर ने आगे कहना जारी किया .. जजसाहब , निवेदन है कि मुझे सजा से मुक्त किया जाये।  मैं आगे के जीवन में किसी लड़की पर ऐसा अमानवीय एसिड अटैक न हो इसके लिए काम करना चाहता हूँ।  और जहाँ भी किसी पुरुष ने यह कायराना अपराध , नारी पर किया उसका मुहँ मैं एसिड से बिगाड़ने की शपथ उठाता हूँ।
जज ने किशोर को आगे कहने से रोकते हुए , अपना फैसला सुनाया , किशोर तुम्हें आरोप मुक्त किया जाता है।  तुम एसिड अटैक रोकने हेतु मानवीय और सामाजिक कार्य अपने जीवन में करोगे ,इस भावना की प्रशंसा की जाती है।  लेकिन तुम्हें आगाह किया जाता है कि  एसिड अटैकर के ऊपर एसिड डालने का कार्य तुम नहीं करोगे , ऐसे किसी भी अपराध का न्याय करने की जिम्मेदारी देश के न्यायालयों की है।
--राजेश जैन
24-12-2015
https://www.facebook.com/narichetnasamman/

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