Friday, October 31, 2014

गर्लफ्रेंड - अच्छी ?

गर्लफ्रेंड - अच्छी ?
-------------------

विवाह करने की आयु ज्यों-ज्यों बड़ी हुई। गर्लफ्रेंड- बॉयफ्रेंड शब्द और ऐसे व्यक्ति अस्तित्व में आये।
आज  गर्लफ्रेंड पर लेख है।
फ़िल्मी लोगों ने गर्लफ्रेंड बनाने की प्रवृत्ति बढाने में समाज में दुष्प्रेरणा दी।
बिना साथ निभाने की गंभीरता से गर्लफ्रेंड बनाना (flirt)  एक रिवाज हो गया।
गंभीर होते तो गर्लफ्रेंड ही जीवन संगिनी बन जाया करती।
किन्तु गर्लफ्रेंड मन-बहलाव का साधन बनी रह गई। और फिर कई कई गर्लफ्रेंड बनाना एक होड़ हो गई।
निश्चित ही मनोविज्ञान में इस प्रवृत्ति के लिए कोई psychological disorder टर्म उपयोग होती होगी।
जब कई कई गर्लफ्रेंड एक ही समय में या अलग अलग समय में बनाने के यत्न किये जाते हैं ,
जिसके लिए पढाई - चरित्र और व्यवसायिक भविष्य तक की चिंता नहीं रहती है।
चिंता सिर्फ कैसे गर्लफ्रेंड बनायी जाए यह रहती है तब लगता है ....
जो लड़की गर्लफ्रेंड होती है वह अच्छी होती है।

लेकिन गर्लफ्रेंड बनाने के जैसे यत्न हम करते हैं वैसे ही अन्य युवक जब करते हैं और
हमारी बहन को गर्लफ्रेंड बनाते हैं तब हम क्या सोचते और करते हैं ?
दोनों ही दृष्टिकोण से विचार कर इस प्रश्न का उत्तर स्वयं से लें ,

क्या गर्लफ्रेंड - अच्छी होती है ?

-- राजेश जैन
01-11-2014

No comments:

Post a Comment