Saturday, October 4, 2014

हितकारी जीवनशैली की खोज

हितकारी जीवनशैली की खोज
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प्राचीन मानव के अनुभवों पर आधारित मनुष्य के एक परिवार में संबध्द हो समाज में रहने की सभ्यता विकसित हुई , जो हजारों वर्षों तक परीक्षण उपरांत  मनुष्य जीवन हितकारी सिध्द होती रही। परिवार और समाज में रहते हुये ही मनुष्यों द्वारा संयुक्त एकजुट कार्य संभव हुए , जिनसे हम आज की उत्कृष्ट उपलब्धियों तक पहुँच सके और जानवरों से अलग जीवनशैली विकसित कर सके। आज जब परिवार बिखर रहे हैं (विवाह विच्छेद से) या परिवार बन ही नहीं पा रहे हैं (लिव इन रिलेशनशिप से), ऐसा परिवर्तन चाहे जिन कारणों से आया है . पारम्परिक सभी विचारक आज के परिवर्तनों को , सामाजिक बुराइयों की जड़ कह रहे हैं।
लेकिन चलो हम युवा इसे बुराई ना कहें। किसी व्यवस्था को अच्छा या ख़राब किसी चीज के सापेक्ष (तुलना से) कहा जाता है। "नयी किसी जीवनशैली"  की तुलना पुरानी से होने पर युवा (सभी युवा नहीं ) इसे अच्छा और उन्नतिशील कह रहे हैं और बड़े (सभी बड़े भी नहीं) इसमें बुराई अनुभव कर रहे हैं। इसे मानव सभ्यता की पतनोन्मुखी चाल निरूपित कर रहे हैं। इसलिए चलो हम प्राचीन इस मनुष्य परिवार परम्परा को मिटा (भूल) कर स्लेट को साफ कर देते हैं।तुलना के कारण हटा देते हैं। एवं आज की पीढ़ी के अनुभवों को साफ़ की गई स्लेट पर लिखते हैं कि क्या है मनुष्य भलाई और जीवन सुखों की जीवनशैली ?आज के युवा अनुभवों से नारी और पुरुष संबंधों के निम्न  में से एक उचित विकल्प तलाशते हैं।


a.  नारी और पुरुष ने विवाह नहीं किया और परस्पर सम्बन्ध स्थापित किये , बाद में विवाह किसी और से किया।
b.  नारी और पुरुष , लिव इन रिलेशन में ही समय के साथ , साथी बदल बदल कर रहे। विवाह किया ही नहीं।
c.  नारी और पुरुष ने विवाह से पहले भी और बाद भी अन्य विपरीत लिंगी साथियों से शारीरिक सम्बन्ध रखे।
d.  नारी और पुरुष ने विवाह किया कुछ दिनों एकनिष्ठ रहे फिर विवाहेत्तर सम्बन्ध स्थापित किये , जो विवाह विच्छेद का कारण हुआ।
e.  नारी और पुरुष ने विवाह किया दोनों एकनिष्ठ रहे और परिवार में ही रहना जारी रखा।
f.   नारी और पुरुष ने विवाह पूर्व किसी से सम्बन्ध रखे ,विवाह बाद विवाहित साथी के प्रति निष्ठावान रहे।
g.  नारी और पुरुष ने विवाह किया नहीं और बदल बदल कर साथियों से सम्बन्ध रखे।
h.  उपरोक्त से कुछ अलग जीवनशैली ज्यादा अच्छी।




ऐसे अनेकों कांबिनेशन हो रहे हैं , कुछ तरह के कम और कुछ तरह के ज्यादा। इनमें किसी एक में रहे आज के युवक -युवतियों ने जीवन सुख किस में अनुभव किया , किस में उन्हें ज्यादा कलहपूर्ण जीवन का सामना करना पड़ा/पड़ रहा है ?  विचार सभी लिख सकते हैं , विशेषकर 25 - 40 वर्ष के उम्र के नारी और पुरुष से इसका बेबाक उत्तर अपेक्षित है। ताकि एक प्रयास इस विकट प्रश्न का समाधान और एक आदर्श जीवनशैली आने वाली पीढ़ी के समक्ष अग्रेषित करने का किया जा सके .


ऑनेस्ट और शिष्ट ,संयत उत्तर और टिप्पणी ही अपेक्षित है।


"नारी चेतना और सम्मान रक्षा" पेज से इसे प्रस्तुत करना इसलिए चुना गया है क्योंकि भावनात्मक कोमलता के होने से नारी पर ही किसी भी जीवनशैली का ज्यादा (बुरा) प्रभाव पड़ता है।




-- राजेश जैन
04-10-2014

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