Monday, October 1, 2018

चेहरों को पढ़ने में बहुत अंतर दिखाई पड़ते थे
रूह को जब महसूस किया सब एकसे लगे हमें



मेरी मोहब्बत के - मतलब और न लेना 
रूह की खूबसूरती से है - ज़िस्म से नहीं
जो खुद को समझ लेगा हमें समझ सकेगा
सभी इंसान के बनने की माटी एक होती है

तुम नहीं तो - हम तस्वीर से ही बात कर लेते
तुम जुल्मी मगर - अपनी तस्वीर ही नहीं देते





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