चेहरों को पढ़ने में बहुत अंतर दिखाई पड़ते थे
रूह को जब महसूस किया सब एकसे लगे हमें
जो खुद को समझ लेगा हमें समझ सकेगा
सभी इंसान के बनने की माटी एक होती है
रूह को जब महसूस किया सब एकसे लगे हमें
मेरी मोहब्बत के - मतलब और न लेना
रूह की खूबसूरती से है - ज़िस्म से नहीं
रूह की खूबसूरती से है - ज़िस्म से नहीं
सभी इंसान के बनने की माटी एक होती है
तुम नहीं तो - हम तस्वीर से ही बात कर लेते
तुम जुल्मी मगर - अपनी तस्वीर ही नहीं देते
No comments:
Post a Comment