Thursday, October 4, 2018

तुम्हारे दिल को पढ़ लिया - मगर लिख नहीं सकते

खुद को गुनाहगार दिखाने की - हमें हिम्मत नहीं है

हम दोनों ही एक दूसरे ख़ुश रखना चाहते थे
मगर
बीती ज़िंदगी आपसी आरोपों के सिलसिले में

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