चलो कि
अब फिर नई सुबह आई है
सब जियें मोहब्बत से
हम उस सुबह के लिए काम करें
मुख़्तसर सी हयात की हसरत है हमारी
लेना देना सिर्फ मोहब्बत का हो जिसमें
(मुख़्तसर - संक्षिप्त , हयात - ज़िंदगी)
हैसियत कुछ भी बनी हो सब खो जानी है
हैसियत इतनी बने कि खोने का रंज न हो
अब फिर नई सुबह आई है
सब जियें मोहब्बत से
हम उस सुबह के लिए काम करें
मुख़्तसर सी हयात की हसरत है हमारी
लेना देना सिर्फ मोहब्बत का हो जिसमें
(मुख़्तसर - संक्षिप्त , हयात - ज़िंदगी)
हैसियत कुछ भी बनी हो सब खो जानी है
हैसियत इतनी बने कि खोने का रंज न हो
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