Wednesday, October 31, 2018

ऐसी भी आपकी
जद्दोजेहद क्या है
सिवा मोहब्बत के
ज़िंदगी से चाहिए क्या है

होता तो सोचा हुआ भी है - याद वह रखता नहीं
याद रखता वह इंसान - सोचा हुआ जो होता नहीं

मालूम नहीं क्यूँ नफ़रत बाँटने वालों को - हम सुर्खियाँ देते हैं ख़ुद के लिये जबकि - हम अमन और सबसे मोहब्बत चाहते हैं

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