Friday, October 5, 2018

हम खुश तब होते जब - बच्चे हमारे खुश रहते हैं
अपनी लाद कर उनपर - क्या हम खुश रह सकेंगे ?

माँ-पापा होकर औलाद भी - वही करेंगे जो हमने किया है
हमें एहसान जैसा कुछ उन्हें बताने की - जरूरत ही क्या है

माँ-पापा , अपने फ़र्ज़ की करते है - कोई कहता उन्हें नहीं
औलाद की ज़िंदगी की अपनी वरीयतायें - उन्हें उनकी करने दें



No comments:

Post a Comment