Sunday, October 28, 2018

चलो , हम बेवफ़ाई तुम पर माफ़ करते हैं
तुम मगर , ख़्वाब अपने पूरे जरूर करना

अपने ही लिए जी के गुजर जायें - हम ऐसे इंसान नहीं
रवायतें हैं औरों के लिए जीने की उन्हें कायम रखना है

एहसान करके जीना भी ख़ुद के लिए जीना है
करना पसंद इसलिए तो एहसान हम करते हैं

दिल में दर्द छिपा के - कोई खुश नहीं रह सकता 
औरों का हमदर्द हुआ जो - वही खुश रह सका है


इंसान को रोना पैदाइशी मिला हक़ है
रोने तो दो बेचारे को जो दर्द का मारा है


जिसे देखो अपनी आखों में आँसू छुपाये बैठा है
रोते की ख़बर वह लेता नहीं कि खुद ही रो देगा

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