गम जदा नज़र आना हमें यूँ मंजूर नहीं कि
कोई नहीं ऐसा जिसे हमारे ग़म की फ़िक्र है
अपनी खुशियों का इज़हार - हम नहीं करते हैं कि
नज़र आते यहाँ लाखों - रंजीदा और अफ़्सुर्दा हमें
कोई नहीं ऐसा जिसे हमारे ग़म की फ़िक्र है
अपनी खुशियों का इज़हार - हम नहीं करते हैं कि
नज़र आते यहाँ लाखों - रंजीदा और अफ़्सुर्दा हमें
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