Friday, November 6, 2015

Wife In Law

7. भाभी , साली से मजाक जो कभी सीमा पार हो जाते हैं :- परिवार में हँसने-हँसाने के लिए हास्य-विनोद होना सहज है ,यह सभी नाते-रिश्तों में , रिश्ते की मर्यादा अनुसार होता है। खुश रहना किसी भी कार्य की एफिशिएंसी बढ़ाता है , परिवार में हास्य विनोद से परिवार में उन्नति होती है एवं खुशहाली रहती है। लेकिन हास्य-विनोद में नारी कभी कभी तब समस्या का सामना करती है , जब नाते में देवर या बहनोई (जीजा) मर्यादा के बाहर हो जाते हैं। अच्छी रीत रही है ,जो इन रिश्तों में थोड़ा रोमांटिक सा हास्य भी स्वीकृत करती है। किन्तु अनेक अवसर पर , मर्यादा के बाहर ,मजाक परिवार का वातावरण बिगाड़ देता है। इसमें नारी (साली या भाभी ) की स्थिति  ,पुरुष की अपेक्षा ज्यादा अपमानजनक ,पीड़ाकारी हो जाती है। ऐसी स्थिति की संभावना कुछ विशेष अवसरों पर ज्यादा होती हैं , जिसमें होली का त्यौहार और विवाह अवसर सम्मिलित हैं।
वैसे पाश्चात्य संस्कृति  ,मुझे अपील नही करती ,किंतु नारी के इन रिश्तों के लिए इंग्लिश में 'सिस्टर इन लॉ ' अच्छा नाम देती है। लेकिन रीत बनी कुरीत इस रिश्ते को 'वाइफ इन लॉ ' की तरह मानती है , और परेशान हाल नारी की कठिनाई बढाती है।
--राजेश जैन
06-10-2015
https://www.facebook.com/narichetnasamman/

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