Sunday, November 22, 2015

हँसे -मुस्करायें


हँसे -मुस्करायें
-----------------
आज के एक पल साथ हम मुस्कराये
कभी हो ऐसा पल जिसमें दर्द आ जाये
पल पल से बन बीतता जीवन अपना
बिन अन्य के हित किये ना बीत पाये

हरेक को है आस ,अच्छे भी पल आयें
उठा सकें सुख ,जीवन सार्थक बन पाये
न वैभव न बाँकपन ना पल होंगे बाकि
सुख की घड़ी खत्म और अंत आ जाये

पल जब तक आते रहें हँसे -मुस्करायें
करें भलाई जिसमें सब साथ मुस्करायें
--राजेश जैन
22-11-2015
https://www.facebook.com/PreranaManavataHit/

 

No comments:

Post a Comment