Monday, November 23, 2015

माँ को गौरव
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प्रधानमंत्री की दावेदारी के साथ चुनाव जीतने के बाद मीडिया ने इस व्यक्ति के घर-परिवार , भाई और माँ पर फोकस किया तो देखकर मुझे कम से कम एक बात इस व्यक्ति में विलक्षण लगी जो थी , 'एक राज्य का 12 वर्षों से मुख्यमंत्री का परिवार मध्यम वर्गीय जीवन यापन करता है।' इस आडंबर के युग में इस बात ने मुझे सुखद आश्चर्य प्रदान किया था। कल ,यही बात एक साधारण चर्चा में मैंने कही तो एक मित्र ने कहा कि यह आपका दृष्टिकोण है।  अन्यथा इसे ऐसा भी देखा जा सकता है , 'जो व्यक्ति घर-परिवार और माँ-भाई के लिए कुछ नहीं करता वह देश के लिए क्या करेगा ?'
इस तर्क का उत्तर खोजते मेरे मन ने कहा , एक साधारण पृष्ठभूमि में पला अगर कोई व्यक्ति , सवा अरब के देश में बहुमत की आशाओं का सूर्य बन ,शीर्ष पद तक पहुँचा हो , ऐसा गौरव ,कितने व्यक्ति परिवार और माँ को प्रदान करते हैं , क्या यह परिवार और माँ के लिए करना नहीं होता है ?
यह भिन्न प्रश्न है कि देश की आशाओं के केंद्र और शीर्ष पर आसीन होने के बाद , वैमनस्य ,जटिलताओं और समस्याओं की चुनौतियों में संतुलन रख , अपनी विलक्षणता से यह व्यक्ति देश को गौरव प्रदान करने में सफल हो पाता है या नहीं ?
(आलेख किसी राजनीति या संप्रदायिकता से प्रेरित नहीं है।  मुझे किसी का समर्थक या विरोधी नहीं माना जाये , लेखक हर आशाजनक बात का समर्थन करता है , जो इस देश और समाज को बना सकने की संभावना रखती है.)
--राजेश जैन
24-11-2015
https://www.facebook.com/narichetnasamman/

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