Wednesday, November 4, 2015

कोइ विधवा सुहागन को करवा चौथ का शगुन क्यो नही दे सकती ?

4. कोइ विधवा सुहागन को करवा चौथ का शगुन क्यो नही दे सकती ?:-
हमारे समाज में पुरातन परंपरा जो चलती रही , उसमें विधुर तो साठ साल की उम्र में भी पुनर्विवाह रचा लेता था , जबकि बाल अवस्था (तब बाल विवाह होते थे ) में विधवा हुई नारी , पूरी उम्र विधवा के रूप में अभिशप्त सा जीवन (जिसमें उस पर अनेकों पाबंदी रहती )बिताने को बाध्य होती थी। शगुन नही दे पाना उन पाबंदी में से एक था , जो इस अन्धविश्वास और भय के कारण था कि नई विवाह रचाती नारी पर विधवा के दिए शगुन के साये से वह , विधवा न हो जाये। अब , अगर विधुर होकर , पुरुष पुनर्विवाह कर सकता है तो यही मापदंड नारी के लिए भी होना चाहिये। तब कम उम्र की नारी विधवा रहेगी ही नहीं। वृध्द उम्र की विधवा तो दादी जैसी होती है , दादी का तो शुभाशीष ही रहता है , सभी के लिए उनके हाथ से शगुन तो स्वीकार्य होना चाहिए , कौन नहीं होगा जो दादी जैसी वृध्दावस्था की आयु तक विधुर या विधवा नहीं होगा।
अगर शगुन देने को हम स्वीकृति नहीं देते तो हम स्वयं का भविष्य में ऐसा अपमान करवाने के लिए शापित हो जाते हैं। दुर्भाग्य से वह एक दिन हमारे जीवन में भी आएगा जब हम अपने विवाहित साथी के विछोह में होंगें।
(इवेंट में हिस्सा ले रहे आदरणीयों के परामर्श अनुसार यह आलेख ,एडिट किया जाता रहेगा )
--राजेश जैन
04-11-2015
https://www.facebook.com/narichetnasamman

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