Sunday, November 15, 2015

यह गुलामी है

यह गुलामी है
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यदि सिर्फ सेक्स की हाँ या ना को ही आज़ादी का पैमाना मान लिया जाए तो ,
यह भी एक तरह की गुलामी ही है।
यह गुलामी है - नारी को सेक्स की बात में ही उलझाये रखने की पुरुष धूर्त सोच की।
स्वतंत्रता तब है , जब नारी या पुरुष या दोनों सेक्स की संकीर्ण सोच से निकल कर जीवन के सही और समस्त आयामों में जी सकें , जीवन की वृहद्ता को समझ कर , मनुष्य जीवन की क्षमताओं अनुसार मिले मनुष्य जीवन को अधिकतम सार्थकता देना।
--राजेश जैन
15-11-2015
https://www.facebook.com/narichetnasamman

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