Friday, November 6, 2015

हमारे दिखावे मात्र हैं

हमारे दिखावे मात्र हैं
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हम कहते जरूर हैं , सुखी नहीं हैं , बुराइयाँ हैं , जहाँ -तहाँ, असुविधाएं हैं देश में , कानून व्यवस्था ठीक नहीं है। लेकिन लगता है , हम सुखी हैं , अच्छाइयाँ हैं सब जगह , सुविधा संपन्न है देश , कानून व्यवस्था अच्छी है।
क्योंकि अगर जिन बातों की शिकायत है ,हमें, जिनके विरोध में जब-तब हम स्वर बुलंद करते हैं , उन दुःखद परिस्थितियों को , उन बुराइयों को और  असुविधाओं को सुविधा में ,बदलने की हम पुरजोर यत्न करते , और अपने कानून का पालन करते , अपनी व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए हम स्वयं जागृत रहते।
चूँकि , हम ऐसा नहीं करते इसलिए ऐसा लगता है , हम सुखी हैं , हमारा विरोध , हमारे आंदोलन और हमारी शिकायतें , हमारे दिखावे मात्र हैं।
--राजेश जैन
07-11-2015 
https://www.facebook.com/PreranaManavataHit/

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