Friday, December 28, 2012

पौरुष

पौरुष             

                    "इंडिया गेट " पर दामिनी प्रकरण पर प्रदर्शन के बाद इंद्र इंजीनियरिंग कॉलेज का छात्रों का समूह लड़कों के छात्रावास में ड्रिन्क्स में व्यस्त था .10 -12 छात्र थे जो तर्क-वितर्क कर रहे थे , कोई इस मत का था कि अवसर की बात है. जबरदस्ती पर कोई भी उतर सकता है .नियम जो उनमें से एक था इस मत का मानने वाला था  कि 'अवश्य ही शारीरिक आवश्यकताएं और उत्तेजना लगभग सभी पुरुषों की समान हों' पर मर्यादा बोध के रहते स्वयं जबरदस्ती या अवैध कार्य में लिप्त होने से बचा जा सकता है . उसके तर्क अन्य मानने को सहमत नहीं थे .उन्होंने नियम को चुनौती दी कि एक लड़की स्वयं से तैयार हो जाये  तो अवैध कृत्य से वह स्वयं को रोक नहीं सकेगा . नियम ने चुनौती स्वीकार कर ली . शेष छात्रों ने एक योजना बनाई और उसे बताई होटल के एक रूम में अगली रात चार घंटे बिताने को कहा , जिस पर नियम ने सहमती जताई .
                       अगली रात होटल रूम में कॉल बेल बजने पर नियम ने दरवाजा खोल तो एक 20-22 वर्ष के उम्र की सुन्दर युवती बेहद ही अच्छे वस्त्रों में बाहर खड़ी थी . उसने पूछा आपका नाम नियम है , उसके हां कहने पर युवती बोली मै आपसे ही मिलने आईं हूँ . तब नियम ने कमरे में उसे आने की जगह दी . युवती ने अन्दर आ उसे अपनी अदाओं  से रिझाने आरम्भ किया . कोई दो घंटे बाद युवती और उसके एक घंटे बाद नियम होटल का वह रूम छोड़कर चला गया .
                            अगली शाम छात्रों का वह समूह नियम के साथ एक वीडियो देख रहा था . कक्ष में एक सुन्दर युवती उत्तेजक अंग संचालन के साथ नियम से बात कर रही थी .. जबकि नियम उससे कुछ अन्य जानकारी लेने का यत्न कर रहा था .  वार्तालाप में नियम को ज्ञात हुआ घर की जरूरतों के हिसाब से परिवार की आय कम है .अतः कभी कभी वह इस तरह के कॉल पर अच्छी कीमत के बदले इस तरह का कार्य करती है .नियम उसे परिवार के व्यय नियंत्रित करने कहता है , और भी बहुत सी  बातें  समझाने का यत्न करता है . और साथ लाइ रक्षा -सूत्र अपनी कलाई पर उस युवती से बंधवाता है . उसे बहन का संबोधन दे उसे 500 रूपये देता है , और इस हेय तरीके से धन अर्जन न करने कहते उसे कक्ष से विदा करता है .
                    पूरा विडियो देखने उपरान्त अन्य छात्र ताने देते हैं , नियम तू पुरुष है भी या नहीं ?  दूसरा कहने लगा नियम यदि ड्रिंक्स लेने के बाद कल होता तो नियंत्रित नहीं कर सकता था .
नियम उन्हें कहता है अगर मदिरा से यह विवेक ख़त्म होता है तो मै जीवन में अब मदिरा सेवन ना करूँगा ..
जहाँ तक पुरुष होने का सवाल है , तो सच्चा पौरुष वह गुण  है जो अबला को छलता नहीं बल्कि उसका बचाओ करता है ...
छात्र सोचने वाली मुद्रा में एक एक कर वहां से जाते हैं ...

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