Sunday, October 13, 2019

मर के भी मेरी रूह हर उस को सताएगी 
जिसकी पोस्ट नैतिकता हद छोड़ जायेगी 

उजाड़ रहे हरे भरे जंगलों को हम
कहते हमें शुध्द आवो हवा पसंद है
मसल रहे मन जिनमें भावना भरी कोमल

तिस पर शिकायत कि मानवता बची नहीं

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