मर के भी मेरी रूह हर उस को सताएगी
जिसकी पोस्ट नैतिकता हद छोड़ जायेगी
उजाड़ रहे हरे भरे जंगलों को हम
कहते हमें शुध्द आवो हवा पसंद है
मसल रहे मन जिनमें भावना भरी कोमल
तिस पर शिकायत कि मानवता बची नहीं
उजाड़ रहे हरे भरे जंगलों को हम
कहते हमें शुध्द आवो हवा पसंद है
मसल रहे मन जिनमें भावना भरी कोमल
तिस पर शिकायत कि मानवता बची नहीं
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