बना सुंदर तन अपना , भले 'राजेश' कोई तन छू सको
मगर मन छूने के लिए, तुम्हें मन से सुंदर होना होगा
कर्तव्य भूल अपने, सबको कर्तव्य याद दिलाते हो
स्वार्थ सम्मोहित 'राजेश', तुम गलत राह चल जाते हो
मगर मन छूने के लिए, तुम्हें मन से सुंदर होना होगा
कर्तव्य भूल अपने, सबको कर्तव्य याद दिलाते हो
स्वार्थ सम्मोहित 'राजेश', तुम गलत राह चल जाते हो
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