Saturday, October 12, 2019

बना सुंदर तन अपना , भले 'राजेश' कोई तन छू सको
मगर मन छूने के लिए, तुम्हें मन से सुंदर होना होगा

कर्तव्य भूल अपने, सबको कर्तव्य याद दिलाते हो
स्वार्थ सम्मोहित 'राजेश', तुम गलत राह चल जाते हो
 

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