Wednesday, October 23, 2019

पब ..

पब .. 

अभिनव कुशाग्र बुध्दि का होने से, बी कॉम प्रथम वर्ष में क्लास टॉपर था। अतः सहपाठी उसे सम्मान देते थे, उससे करीबी चाहते थे। रीति भी ऐसे ही अभिनव से मित्रता रखती थी। वह अति संपन्न और खानदानी उद्योग घराने की बेटी है।  बी कॉम के दूसरे वर्ष में, रीति को अपने प्रति अभिनव के व्यवहार एवं दृष्टि  बदली सी लगने लगी थी। अभिनव उससे अकेले में बात करने के बहाने तलाशता लगता था। पिछली तीन बार के ऐसे एकांत में अभिनव उसे साथ पब चलने का आग्रह कर रहा था।  रीति ने मित्र की तरह सोचा तो उसे चिंता हुई कि अभिनव का इन चक्करों में परीक्षा परिणाम प्रभावित हो सकता है। अतः मम्मी अनुमति नहीं देगी कहकर उसे टालती रही। कोई सप्ताह भर बाद अभिनव ने ऐसा एकांत का अवसर पाया तो इस बार ज्यादा जिद करने लगा। रीति ने तब कहा कि देखो कोशिश करती हूँ, 10-15 दिन में जब भी कोई बहाना होगा, पब चलूँगी।
उसी दिन रीति ने एक प्राइवेट डिटेक्टिव की सेवा ली। उससे मिली सूचनाओं पर एक दिन, खुद से अभिनव को एक पब तय कर रात नौ बजे वहाँ पहुँचने का निश्चित किया। 

उस रात रीति पब में पहले ही पहुँच गई, और बाहर लॉन में प्रतीक्षा करने लगी। अभिनव, जब वहाँ आया तो एकदम बदले गेट अप में ज्यादा ही स्मार्ट लग रहा था। कुछ तलाशते हुई सी रीति उसके साथ अंदर पहुँची. वह अभिनव का हाथ पकड़ वहाँ ले गई जहाँ कुछ जोड़े ड्रिंक्स ले रहे थे। अभिनव ने वहाँ जैसे ही एक लड़की को, किसी लड़के के साथ देखा वह रीति का साथ छोड़ गुस्से में उस लड़की के सामने जा पहुँचा. वह लड़की उसे देख अचकचा गई। अभिनव ने उसका हाथ पकड़ा और लगभग खींचते हुए उसे पब के बाहर ले गया। रीति ने पीछा करते हुए अभिनव को आवाज दी, अभिनव कहाँ जा रहे हो? अभिनव ने उसे कोई उत्तर नहीं दिया। रीति ने लड़की को अभिनव से कहते सुना भैय्या, हाथ छोड़ो दुख रहा है। फिर अभिनव लड़की को बाइक पर बिठा वहाँ से चला गया। 

उसके बाद कॉलेज में अभिनव, रीति के साथ अपरिचित जैसा व्यवहार करने लगा। रीति ने बात करने की कोशिश भी की तो किसी तरह उससे बचते रहा। ऐसे में रीति ने एक दिन कॉपी के एक पन्ने पर कुछ लिखा और अवसर मिलने पर अभिनव के बेग में डाल दिया।
अभिनव को वह पन्ना अगले ही पीरियड में दिखाई दे गया। पीछे से, रीति ने अभिनव को पढ़ते हुए देखा, पन्ने पर लिखा था-
"अभिनव जिस दिन अपनी बहन के बारे में तुम यह तय करना बंद कर दो कि वह क्या करे क्या न करे, किसके साथ, कहाँ जाए कहाँ न जाए, उस दिन मुझे पब चलने कहना। ऐसे विषय मैं अभी, अपने मम्मी-पापा के उचित अनुचित तय किये जाने के अनुसार करती हूँ। अभी पढ़ रही हूँ, स्वयं ऐसे निर्णय नहीं करती हूँ।"
रीति ने देखा, पढ़कर अभिनव ने सिर झुका लिया था। तीन दिन बाद अभिनव ने अकेले में उसे पाकर सॉरी कहा था। तब से अभिनव लड़कियों के तरफ से उदासीन रहने लगा था। बाद में रीति को यह देख कर ख़ुशी हुई थी कि अभिनव बी कॉम के बाकि दो वर्षों में भी कॉलेज टॉपर रहा था। 

--राजेश चंद्रानी मदनलाल जैन
24.10.2019
  

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