Wednesday, October 16, 2019

डिवोर्स

डिवोर्स ..

मुकेश जी, अमनदीप सिंह जी  (जो उनके घनिष्ट मित्र थे) से परामर्श दिलवाने अपने भतीजे ऋतिक को  लाये थे। एक वर्षीय पुत्र के पिता, ऋतिक ने दो वर्ष पहले ही प्रेम विवाह किया था और अब अजिता से विवाह विच्छेद की जिद में था। लगभग एक घंटे से ऋतिक अंदर था, जहाँ अमनदीप उससे वार्तालाप कर रहे थे। तभी अंदर से ऋतिक के गुस्से से चिल्लाने की आवाज से बाहर बैठे मुकेश तेजी से अंदर पहुँचे थे। अमनदीप उसे काबू कर कुर्सी पर बिठाने की कोशिश कर रहे थे। मुकेश जी को देखते ही ऋतिक ने शिकायत की चाचा, इस आदमी ने बेबात मुझे चाँटा मारा है। मुकेश जी के आने पर कुछ शाँत हुआ ऋतिक अब बैठ चुका था, मुकेश जी को भी बैठने का इशारा करते हुए अमनदीप अब अपनी कुर्सी पर जा बैठे थे। तमतमाये ऋतिक को पता था कि चाचा और अमनदीप मित्र हैं। अतः वह स्वयं को नियंत्रित किये हुए था। अमनदीप ने तब दोनों को संबोधित करते हुए कहा, मैंने जो टेस्ट और जानकारी करनी थी, करली है, आप कल ग्यारह बजे आइये। डिवोर्स लेने/ नहीं लेने के प्रश्न पर मेरा परामर्श कल दूँगा। तब मुकेश जी ने ऋतिक को संयत और चुप रहने का इशारा करते हुए अमनदीप से हाथ मिलाते हुए विदा ली थी।
दूसरे दिन अमनदीप जी ने मुकेश जी को भी ऋतिक के साथ बिठाया था और फिर कहा था, तुम्हारे और अजिता के बीच ऐसी कोई समस्या नहीं जिसका समाधान डिवोर्स हो। तुम्हें, तुम्हारी बताई जानकारी और तुम पर टेस्ट के परिणाम के आधार पर मैं छह बातें कहूँगा जिस पर विचार तुम्हें खुद करना है।
1. तुम्हें अपनी आय की तुलना अपने ज्यादा सफल साथियों से नहीं करनी है। जिससे तुम पर तनाव छाया रहता है और ऐसे तनाव में घर लौट तुम अजिता पर जरा सी बात का बहाना ले हाथ उठाते हो।
2. दुनिया में हर संबंध मानवीय विश्वास से निभते हैं। कल मैंने तुम्हें एक चाँटा तब मारा था जबकि तुम्हें मुझसे आत्मीय व्यवहार की आशा थी। तुम, अपने पर कल बीती इस घटना से समझ सकते हो तुम्हारी नित मार पीट से अजिता पर क्या बीतती होगी। अजिता ने तुमसे प्रेम विवाह किया था। उसे तुम्हारे प्रेम पर विश्वास था। यह आशा उसे नहीं थी कि तुम नित उसके साथ गृह हिंसा करोगे। जिससे कुपित वह बेटे के साथ मायके लौट गई है.
3. तुम उससे डिवोर्स लेकर कभी फिर शादी करोगे ऐसा कहते हो। यहाँ मेरा मत है, तुम्हें अति आशावादी नहीं होना चाहिए कि अगली लड़की अजिता से बहुत अलग मिलेगी. वैवाहिक जीवन आपसी सामंजस्य से चलता है। अगर तुम सामंजस्य बिठाने की खुद कोशिश नहीं करोगे तो अगला भी सफल होगा इसकी आशा व्यर्थ होगी। जबकि
यहाँ , अजिता से विवाह से पूर्व एक वर्ष का प्रेम अतिरिक्त फायदेमंद चीज है.
4. अगर तुम्हारा विवाह विच्छेद होता है तो क्या तुम्हें कल्पना है, तुम्हारे बेटे से कालांतर में पिता के बारे में प्रश्न होने पर उसका जबाब यह हो सकता है "मैं उस पिता की संतान हूँ जिससे पिता होने की पात्रता नहीं थी."
5. इस बात की पूरी संभावना है कि विवाह विच्छेद होने की स्थिति में, बाद में कभी तुममें परिपक्वता आने पर इस विवाह के टूटने पर तुम खुद को दोषी पाओगे। मगर तब पश्चाताप तो होगा पर चींजे तुम्हारे हाथ से निकल जाएंगी।
6. तुम इस भ्रम में न रहो कि तुम परेशानी से विवाह विच्छेद के जरिये मुक्त होने वाले हो। अजिता को ऐसे लोग और वकील मिल जाएंगे जिनके अदालती पैतरों से तुम और पूरा परिवार परेशानी में पड़ सकता है। 

अंत में मेरा तुम पर परीक्षण कहता है तुम हीनता बोध से ग्रसित हो. अपनी तुलना दूसरों से नहीं करते हुए तुम्हें खुद का आत्मविश्वास बढ़ाना चाहिए। आय बढ़ाने के बहुत दबाव में न रहते हुए तुम्हें परिश्रम से हुई आय में खुश रहना और उतने में अपने व्यय नियोजित करने चाहिए। मेरी शुभ कामनायें - निर्णय तुम्हें खुद लेना है। 
बाद में मुकेश जी के साथ विचारों में खोया ऋतिक घर लौटा था। और उसके अगले दिन ससुराल जाकर अजिता से क्षमा माँग उसे अपने साथ लौटा लाया था। 
तब मित्रों को उस दिन ऋतिक का फेसबुक स्टेटस कहती एक फोटो यूँ लगी मिली थी 
"विश्वास और प्यार इस चित्र में यूँ समाया था अपने ऐसे चलने पर खुद समय मुस्कुराया था" 

--राजेश चंद्रानी मदनलाल जैन
16.10.2019

No comments:

Post a Comment