Monday, June 29, 2015

मैं ,नारी हूँ

मैं ,नारी हूँ
------------
कद-काठी में छोटी , मन से कोमल होती हूँ
शोषण से व्याकुल ,विवश अकेले में रोती हूँ

चीरे-सुई* से डरती थी ,गजब साहसी होती हूँ
बोझ न सहनन थी ,महीनों शिशु को ढोती हूँ 

मरने से डरती दुनिया ,मैं मरने को होती हूँ
प्रसव-वेदना सह शिशु जन्म दे ,माँ होती हूँ

मेरे जाये पुरुष ही ,नारी त्याग न समझते हैं
अपमानित मैं ,नारी हूँ ,विवशता पर रोती हूँ
(चीरे-सुई* Operation - Injection)
--राजेश जैन
30-06-2015
https://www.facebook.com/narichetnasamman


 

No comments:

Post a Comment