नारी-पुरुष में अपनी अपनी अच्छाइयां
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नारी -पुरुष के कार्यालयीन कार्यों में
कार्य के बीच क्यों शरीर आ जाते हैं ?
मित्र हुए नारी पुरुष जब ,विषयों में
रूप सौंदर्य क्यों प्रमुखता पा जाते हैं ?
चुंबकीय आकर्षण के इन घेरों में
नियंत्रित स्वयं अपने को करना होगा
हमें ,छल से बचते ,न स्वयं छल करते
देश समाज को स्वस्थ रीत देना होगा
प्रकृति प्रदत्त गुण ,शक्ति ,आकर्षण
इन्हें व्यवस्थित रूप हमें देना होगा
नारी-पुरुष में अपनी अपनी अच्छाइयां
समान हैं समान सम्मान देना होगा
--राजेश जैन
02-06-2015
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नारी -पुरुष के कार्यालयीन कार्यों में
कार्य के बीच क्यों शरीर आ जाते हैं ?
मित्र हुए नारी पुरुष जब ,विषयों में
रूप सौंदर्य क्यों प्रमुखता पा जाते हैं ?
चुंबकीय आकर्षण के इन घेरों में
नियंत्रित स्वयं अपने को करना होगा
हमें ,छल से बचते ,न स्वयं छल करते
देश समाज को स्वस्थ रीत देना होगा
प्रकृति प्रदत्त गुण ,शक्ति ,आकर्षण
इन्हें व्यवस्थित रूप हमें देना होगा
नारी-पुरुष में अपनी अपनी अच्छाइयां
समान हैं समान सम्मान देना होगा
--राजेश जैन
02-06-2015
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