नारी पर अत्याचार
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"कितनी ही विज्ञान उन्नति कर ले ,
नर-नारी , नारी गर्भ से ही जन्मेंगे
माँ का दूध पिया है जिन जिन ने
नारी पर अत्याचार कभी ना करेंगे "
ऐसा कहा जाता है , पुरुष -नारी को वस्तु की तरह भोगता है , यह गलत है। अवश्य ही तुलनात्मक रूप से , पुरुष में छल ज्यादा है , और इस अधिकता के कारण अनेकों जगह पुरुष नारी को शोषित करता दिखता है। किन्तु अनेकों पुरुष ऐसे भी हैं जो आनेस्टी से नारी को सहयोग करते हैं।
कुछ की दुष्टता से नारी और पुरुष का साथ कभी समाप्त नहीं हो सकेगा। मानव सभ्यता का तकाजा है दुष्टता अवश्य ही, समाप्त की जानी चाहिये।
--राजेश जैन
28-06-2015
https://www.facebook.com/narichetnasamman
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"कितनी ही विज्ञान उन्नति कर ले ,
नर-नारी , नारी गर्भ से ही जन्मेंगे
माँ का दूध पिया है जिन जिन ने
नारी पर अत्याचार कभी ना करेंगे "
ऐसा कहा जाता है , पुरुष -नारी को वस्तु की तरह भोगता है , यह गलत है। अवश्य ही तुलनात्मक रूप से , पुरुष में छल ज्यादा है , और इस अधिकता के कारण अनेकों जगह पुरुष नारी को शोषित करता दिखता है। किन्तु अनेकों पुरुष ऐसे भी हैं जो आनेस्टी से नारी को सहयोग करते हैं।
कुछ की दुष्टता से नारी और पुरुष का साथ कभी समाप्त नहीं हो सकेगा। मानव सभ्यता का तकाजा है दुष्टता अवश्य ही, समाप्त की जानी चाहिये।
--राजेश जैन
28-06-2015
https://www.facebook.com/narichetnasamman
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