ईश्वरीय सहायता
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सिलसिला चल रहा था . विभाग में मेरे से वरिष्ठ पर मेरे से चिढने वालों को यह सब होता अच्छा नहीं लगता . वे अपने तरह से मुझे विचलित करने के लिए मुझे जब-तब बुला बहाने बहाने से अप्रिय बातें करते . मुझे मार्च 98 तक लक्ष्य हासिल करना था . उनके इस तरह दखल से मुझे निराशा घेरने को देखती .
ऐसे समय में अन्य विभाग से एक महिला अधिकारी की हमारे विभाग में पोस्टिंग हुई . वे इलेक्ट्रोनिक इंजिनियर थीं अतः कंप्यूटरीकरण के इस कार्य के लिए उन्हें भी मेरे साथ किया गया . उनके आते ही उनके लिहाज के कारण मेरे उन वरिष्ठ का दखल कम हुआ . उन्होंने भी विभाग में नई होते हुए साथ ही अस्थायी पद स्थापना होने पर भी इस कार्य में पूरी निष्ठा प्रदर्शित की और मेरे मातहत सहित सभी के सयुंक्त प्रयासों से मार्च 98 में हमने लक्ष्य में सफलता पाई .
विभाग से सयुंक्त अनुशंसा में उन्हें मेरे साथ सम्मिलित भी किया गया . यह उदाहरण उस उक्ति को चरितार्थ करता है "हिम्मते मर्दा मददे खुदा " . उनकी प्रतिनियुक्ति हमारे विभाग में कठिन काम करने की मेरे हिम्मत को मदद पहुँचाने की ईश्वरीय सहायता थी .
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