अपने निच्छल आग्रह नहीं मरने दूँगा
हेतु क्षमा याचना हाथ जोड़ कर लूँगा
व्यथित राष्ट्र बुराई से
उन्मूलन को श्वाँस रहते लगा रहूँगा
राष्ट्र के समक्ष न अभिमान दिखाऊँगा
समाज दायित्व का भार लिए झुक जाऊँगा
मेरा राष्ट्र मेरा समाज यह
प्रति इसके ऋण चुकाते जी जाऊँगा
तुम अपशब्द कहना सहन कर जाऊँगा
भाई बहन मेरे तुम यह नहीं भुलाऊँगा
कभी मेरा निर्दोष पक्ष तुम समझोगे
आशा लिए याचक बन सामने आऊँगा
हेतु क्षमा याचना हाथ जोड़ कर लूँगा
व्यथित राष्ट्र बुराई से
उन्मूलन को श्वाँस रहते लगा रहूँगा
राष्ट्र के समक्ष न अभिमान दिखाऊँगा
समाज दायित्व का भार लिए झुक जाऊँगा
मेरा राष्ट्र मेरा समाज यह
प्रति इसके ऋण चुकाते जी जाऊँगा
तुम अपशब्द कहना सहन कर जाऊँगा
भाई बहन मेरे तुम यह नहीं भुलाऊँगा
कभी मेरा निर्दोष पक्ष तुम समझोगे
आशा लिए याचक बन सामने आऊँगा
इसे प्रश्न मान का बनाना कैसा
तुम अपने हो भूल जाना कैसा
मेरी सी कुछ हैं तुम्हारी आशायें
अपने लिए उचित तुम्हारे लिए अनुचित कहना कैसा
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