खुद को चुभा ने तुम्हारे
शब्दों के तीर रख छोड़ें है
कि मैं होश ना खो दूं
मैंने यत्न कर छोड़ें हैं
गर हीन हो तुम हमसे
शर्म का विषय हमारा है
हमने छीन रखा वह तुमसे
जिस पर अधिकार तुम्हारा है
हीन रहकर तुम हमसे
एहसान हम पर क्या करते हो
श्रेष्ठता बोध हमें देकर
हमें जीवन सुविधा सुलभ करते हो
हीन रहकर तुम हमसे (#नारी)
एहसान हम पर क्या करती हो
श्रेष्ठता बोध हमें देकर
हमें जीवन सुविधा सुलभ करती हो
हस्ती नहीं किसी की
जो खरीद हमें ले जाता
तेरी निगाह में देखी मोहब्बत
अपने लिए हम तेरे हो गए
शब्दों के तीर रख छोड़ें है
कि मैं होश ना खो दूं
मैंने यत्न कर छोड़ें हैं
गर हीन हो तुम हमसे
शर्म का विषय हमारा है
हमने छीन रखा वह तुमसे
जिस पर अधिकार तुम्हारा है
हीन रहकर तुम हमसे
एहसान हम पर क्या करते हो
श्रेष्ठता बोध हमें देकर
हमें जीवन सुविधा सुलभ करते हो
हीन रहकर तुम हमसे (#नारी)
एहसान हम पर क्या करती हो
श्रेष्ठता बोध हमें देकर
हमें जीवन सुविधा सुलभ करती हो
हस्ती नहीं किसी की
जो खरीद हमें ले जाता
तेरी निगाह में देखी मोहब्बत
अपने लिए हम तेरे हो गए
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