Friday, January 25, 2019

खुद अपनी खोट दूर करने का ख़्याल आता नहीं
ज़माने को सुधारने की तदबीर तलाशते फिरते हैं

जहन में रहे यह बात कि
कद्र किसी के होने पर रहे
न रहे कोई फिर कद्र की तब
सिर्फ पछतावा ही होगा

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