तेरा प्यार हावी है इस कदर अब मेरे मन पर
तू प्रेरणा है लफ्ज़ औ मुस्कान की मेरे लब पर
उन्हें मोहब्बत से शिकवे, मोहब्बत को बेचैनी का सबब कहते पाया
मोहब्बत से की मोहब्बत जब हमने, ज़िंदगी का सबब इसमें पाया
खफ़ा बहुत हैं वो मगर ख़्वाब उन्हें ले आते हैं
जीने को सहारा बहुत कि ख़्वाब में वे आते हैं
उनसे है मोहब्बत, हमने दी आज़ादी उन्हें जहाँ चाहे मिलने आने की
ज़माने की बंदिशें पर, देतीं इजाज़त बस उन्हें ख़्वाब में चले आने की
तू प्रेरणा है लफ्ज़ औ मुस्कान की मेरे लब पर
उन्हें मोहब्बत से शिकवे, मोहब्बत को बेचैनी का सबब कहते पाया
मोहब्बत से की मोहब्बत जब हमने, ज़िंदगी का सबब इसमें पाया
खफ़ा बहुत हैं वो मगर ख़्वाब उन्हें ले आते हैं
जीने को सहारा बहुत कि ख़्वाब में वे आते हैं
उनसे है मोहब्बत, हमने दी आज़ादी उन्हें जहाँ चाहे मिलने आने की
ज़माने की बंदिशें पर, देतीं इजाज़त बस उन्हें ख़्वाब में चले आने की
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