Sunday, December 16, 2018

वह कलम जो बात बेबात चल दिया करती है
उसे बेच
अब चश्मा लिया
जिससे नज़र औरों के ख़ूबसूरत कलाम पढ़ा करती है

तुम्हें पसंद नहीं रह गया - मेरा लिखा,
पढ़ना
तुम्हारी ख़ातिरदारी में रहेंगे - वादा याद कर,
लिखना छोड़ दिया

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