हमारे अपने नहीं वे भी खुशियों में जियें
उनके अपने हैं जिनकी खुशियाँ उनसे है
अक्ल और मौके हर ज़िंदगी में मगर -
क़ामयाब वो है
जिसे वक़्त पर अक्ल और मौका पहचानना -
आया है
उनके अपने हैं जिनकी खुशियाँ उनसे है
अक्ल और मौके हर ज़िंदगी में मगर -
क़ामयाब वो है
जिसे वक़्त पर अक्ल और मौका पहचानना -
आया है
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