Friday, December 21, 2018

किसी की कमी पर उलाहना दूँ मैं तो -
मेरी हिमाकत कहना
इंसान खुद मैं भी हूँ -
जानता हूँ इंसान में कमी हो सकती है

ख़ासियत आप में तो ख़्वाहिश मशहूरियत की होगी
महसूस किया भीतर इंसान तो पसंद इंसानियत होगी

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