एक आम ज़िंदगी अस्सी साल की होती है यानि लगभग 30000 दिनी। मुस्लिम की ज़िंदगी के अस्सी दिन ( बकरी ईद के) घटा दें तो 29920 दिनों में एक मुस्लिम और एक अन्य कौम के माँसाहारी इंसान में कोई फ़र्क नहीं रहता। ये 80 दिन मुस्लिम ज़िंदगी के ख़ास दिन हैं - वे उन्हें निजी तौर पर स्मरण रखें , और अन्य कौम के लोग उन्हें भुला सकें तो नफ़रत, रंजिश, ख़ूनख़राबा और दहशतगर्दी से इस दुनिया को काफी हद तक छुटकारा मिल जाएगा।
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