इक ही बुराई मुझमें - पर मुझे समझ न आती है
हर बुराई की वजह - मुझे औरों में नज़र आती है
#बेचैन_करती_है
बनी रहे मेरी नज़र के सामने - मोहब्बत की यह धुंध
साफ़ नज़र में - मंजर पर नफ़रत का साया दिखता है
अपेक्षा - हमें, तुमसे कोई नहीं
अपेक्षा - सिवा तुम्हारी ख़ुशी के कोई नहीं
हर बुराई की वजह - मुझे औरों में नज़र आती है
#बेचैन_करती_है
बनी रहे मेरी नज़र के सामने - मोहब्बत की यह धुंध
साफ़ नज़र में - मंजर पर नफ़रत का साया दिखता है
तब
मर्माहत तो इंसानियत होगी ही
जब मरते दम तक
फ़क्त खुद की ख़ातिर हम जीते रहें
No comments:
Post a Comment