Monday, July 8, 2019

मी: - तू, अब इंसान अच्छे क्यूँ नहीं बनाता?
खुदा : -
तादाद कम थी तब नफ़ासत से बनाता था
तादाद बढ़ गई अब वह किस्म बनती नहीं

जब हम थोड़े में खुश रहते हैं
औरों की ख़ुशी की गुंजाइश करते हैं
हमारी ख़ुशी को ज्यादा की दरकार होती है
तब हम औरों की ख़ुशी तमाम करते हैं

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