Tuesday, July 23, 2019

हैरत

हैरत
------

ज़रीन को याद है, 11 साल की थी वह उस समय जब नसरीन आपा ने, गैर कौम के लड़के से शादी की मंशा घर में बताई थी. उसने तब पापा और बड़े भाईजान को गुस्से से आगबबूला देखा था। पापा को मम्मी से यह तक कहते सुना था कि बेगम, "नसरीन को समझाओ की हद में रहे वर्ना मेरे हाथों क़त्ल हो जायेगी"। उस समय नसरीन, घर के गर्म हुए माहौल से सहम गई थी। फिर 1 महिने के अंदर ही आनन फ़ानन में उसका निकाह उनके खाला के बेटे के साथ दूर बंगाल में कर दिया गया था। ज़रीन ने उस एक महीने में रुआँसी रही नसरीन को अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई अधूरी छूट जाने और ऐसी जबरदस्ती पर हताश देखा था। इस पूरे किस्से के बीच ज़रीन ने एक सबक लिया था कि शादी के लिए जो पापा, बड़े भाई जान तय करेंगे वह उस लड़के से ही निकाह कबूल करेगी।
तब से अभी चार साल हुए थे, बंगाल से उसके ससुराल वालों ने सिर्फ दो बार ही नसरीन को मायके भेजा था और इस बीच नसरीन के तीन बेटे हो गए थे। अब ज़रीन घर में इक नया तमाशे की साक्षी हो रही थी. उसके मँझले भाई अलीम का उसके ऑफिस में गैर कौम की लड़की से इश्क़ चल रहा है, जिसकी चर्चा घर में बड़े मजे ले लेकर हो रही है. पापा और बड़े भाई जान जो चार वर्ष पूर्व इसी तरह के नसरीन के इश्क़ से बेहद खफ़ा हुए थे वे दोनों ही ख़ुशी से अलीम को उस लड़की से शादी करने की कई तरकीबें बताते दिखाई पड़ते हैं।
15 साल की छोटी सी जान ज़रीन तक को, इनके दोहरे व्यवहार और नतीजतन नसरीन आपा की बदकिस्मती और अलीम की ख़ुशकिस्मती पर नज़र कर बेहद हैरत होती है। 

--राजेश चंद्रानी मदनलाल जैन 
24-07-2019

No comments:

Post a Comment